Sunday, April 21, 2013

Ministry of Agriculture sets up Committee to look at agri-prices for farmers




PRESS RELEASEMinistry of Agriculture sets up Committee to look at agri-prices for farmers


New Delhi, April 21st 2013: The Indian Coordination Committee for Farmers' Movements (ICCFM) welcomed the setting up of a Committee by the Ministry of Agriculture, Govt of India, as announced after a meeting with the ICCFM delegation on March 20th 2013. Readers would recall that the government was forced to respond to a Kisan Khet Mazdoor Maha Panchayat of thousands of farmers who sat on an indefinite dharna on Parliament Street in New Delhi, from May 18th onwards.
One of the issues that the farmers were agitating about was markets that were unfair and unremunerative to farmers, making agriculture a losing proposition. Farmers had demanded that the government make farming remunerative and viable so that dignity in this profession can be restored. Further, they pointed out that other sectors have no solutions even as lakhs are getting displaced from agriculture given that the government's own data indicates declining employment opportunities in these sectors.
The Committee to examine methodological issues in fixing minimum support prices, set up on 1st April 2013 has 16 members, including 5 representatives of ICCFM. While the Director of NCAP (National Centre for Agricultural Economics & Policy Research) would chair the Committee, the Adviser (Cost) of CACP has been made the Member Secretary.
The Terms of Reference laid down for this Committee include examining the existing mandate of the Commission for Agricultural Costs and Prices (CACP) and suggest whether there is a need to reposition the Commission in terms of its mandate and remit. Further, the Committee would examine the existing cost concepts for the purpose of fixing Minimum Support Prices (MSPs). The Committee would also examine existing structure of tariff, taxes, credit, markets etc., to suggest various measures to make it most competitive and remunerative to farmers in the wake of trade liberalisation and globalisation and also to encourage diversified agricultural growth.
Meanwhile, constitution of two more Committees are awaited, related to (1) Free Trade Agreeements and Agriculture and (2) FDI in Retail and Farm Livelihoods.



http://pib.nic.in/newsite/erelease.aspx?relid=94119

Ministry of Agriculture21-March, 2013 15:12 IST
Committees with Farmer Representatives to be Formed to Discuss Major Issues Concerning Farmers
Representatives of Indian Coordination Committee of Farmers’ Movements held extensive discussions with Shri Sharad Pawar, Union Minister of Agriculture; Shri Jairam Ramesh, Minister of Rural Development; Prof K.V. Thomas, MOS, Consumer Affairs, Food & Public Distribution; Smt. D. Purandeswari, MOS, Commerce and Industry; Dr. S.K. Jena, MOS, Fertilizers and Shri N.N. Meena, MOS, Finance on 20th March, 2013 to discuss the demands of farmers who had been camping since 18th March, 2013 at Jantar Mantar.

After detailed discussions lasting for nearly three hours it was decided to constitute committees to address three crucial issues that were exercising the farmers, namely, to examine the methodology of assessing cost of cultivation and determining the Minimum Support Prices of various agricultural commodities; to address apprehensions in regard to dumping of agricultural produce in the country under liberal Free Trade Agreements; and to suggest appropriate safeguards to protect farmers in the wake of introduction of Foreign Direct Investment in Multi Brand Retail. It was decided that the representatives of the farmers would be enlisted in each of the above committees which would make appropriate recommendations and suggestions to the Government for protection of farmers’ interests.

MP:SS:CP: committee (21.3.2013)
(Release ID :94119)


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केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा “किसानों के न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारण के कार्यप्रणाली की जाँच हेतु समिति”



नयी दिल्ली, 212013: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा गठित “किसानों के न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारण के कार्यप्रणाली की जाँच हेतु समिति” का स्वागत करते हुए कहा है कि अब किसानों की बात अनसुनी नहीं रह सकती.
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि आज देश के किसान बदहाली के कगार पर आ गये हैं जिसका मुख्य कारण है, किसानों को अपने उत्पादों में अधिक लागत और लाभकारी बाजार मूल्य का ना मिलना. खैर देर से सही, किसानों की एकजुटता का परिचय है कि पहली बार देश की सरकार किसानों के मुद्दे पर जागने का कार्य की है. अब लगता है कि किसानों को उनके उत्पादों का लाभकारी मूल्य निर्धारण का सही पैमाना बन पायेगा.चौ. टिकैत 1987 से यह मांग करते रहे है ... 
विदित हो की दिनांक 18 मार्च को “इंडियन कोऑर्डिनेशन कमिटी ऑफ फार्मर्स मूभमेंट” जिसमें भारतीय किसान यूनियन, ..............................सम्मिलित थे, के साथ संसद मार्ग पर एक दिवसीय किसान खेत मजदूर महापंचायत का आयोजन किया गया था जो कि अनिश्चित कालीन धरने में तब्दील हो गया था. उस धरने में लाखों की संख्या में देशभर के किसानों ने सिरकत की. परिणामतः दिनांक 20 मार्च को एक शिष्टमंडल द्वारा मुलाकात के बाद केंद्र सरकार ने यह निर्णय लिया और जिसका कार्यान्वयन शुरू हो गया. किसानों का मुख्य मुद्दा था उनके उत्पादों का लाभकारी मूल्य का निर्धारण, जो कि आज उन्हें प्राप्त नहीं हो रहा और कई किसान आत्महत्या पर उतारू हो रहे हैं. यदि सरकार किसानों को लाभकारी मूल्य देवे तब किसानी घाटे का कार्य नहीं रहेगा और उन्हें किसानी छोड़ने पर मजबूर नहीं होना पड़ेगा.
कृषि मंत्रालय द्वारा गठित समिति में कुल 16 सदस्य रखे गये हैं, जिनमे से पांच सदस्य इंडियन कोऑर्डिनेशन कमिटी ऑफ फार्मर्स मूभमेंट के हैं, भारतीय किसान यूनियन से चौ. राकेश टिकैत,युधवीर सिंह ,अजमेर सिंह लखोवाल कर्नाटक राज्य रैयत संघ से के .टी गंगाधर ,कविता कुरुगंती को मेम्बर बनाया है ......एन सी ए पी के निदेशक उस समिति के अध्यक्ष रहेंगे और सी ए सी पी के सलाहकार (लागत) उक्त समिति के सदस्य सचिव रहेंगे.
समिति के विचारार्थ विषयों में सी ए सी पी (Commission for Agricultural Costs and Prices) द्वारा वर्तमान में जारी आदेश एवं आयामों की जाँच करना और आगे इस् विषय में सलाह देना. आगे समिति किसानों के न्यूनतम मूल्य निर्धारण में लागत की संकल्पना की जाँच करेगी, साथ हीं वर्तमान माजूदा  दर, टैक्स, लागत, साख, बाजार आदि को भी देखेगी, ताकि इस् मामले में विभिन्न उपाय सरकार को सुझाये जा सकें और कैसे कृषि का विकास हो सके.
इसी बीच दो अन्य समितियां, एक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट एंड एग्रीकल्चर तथा दूसरी एफ डी आई इन रिटेल एंड फार्म लाइवलीहुड भी गठन के कगार पर है.





किसानों की समस्‍याओं पर विचार के लिए समितियां गठित
भारतीय किसान आंदोलन की समन्‍वय समिति के प्रतिनिधियों ने कृषि मंत्री श्री शरद पवार और ग्राम विकास मंत्री श्री जयराम रमेश से व्‍यापक विचार -विमर्श किया। उन्‍होंने उपभोक्‍ता मामलों के मंत्री प्रोफेसर के.वी. थॉमस, वाणिज्‍य एवं उद्योग राज्‍य मंत्री श्रीमती डी. पुरन्‍देश्‍वरी, उर्वरक राज्‍य मंत्री डॉ. एस.के. जेना और वित्‍त राज्‍य मंत्री श्री एन.एन. मीणा से भी 20 मार्च, 2013 को चर्चा की। ये किसान दिल्‍ली के जंतर मंतर पर 18 मार्च, 2013 से डेरा डाले हुए थे। लगभग तीन घंटे चले विचार-विमर्श के बाद फैसला किया गया कि तीन महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार के लिए समितियों का गठन किया जाए। ये विषय हैं - खेती की लागत और न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य तय करने के तौर- तरीकों की जांच, उदार मुक्‍त व्‍यापार समझौतों के अंतर्गत कृषि उपज की बाहरी देशों द्वारा अ‍त्‍यधिक सप्‍लाई (डंपिंग) की आशंका और मल्‍टीब्रांड रिटेल लागू होने पर प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश से किसानों की रक्षा के उपाय। फैसला किया गया कि उक्‍त हर समिति में किसान प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा। ये समितियां किसान हितों की रक्षा करने के लिए सरकार को उपयुक्‍त सुझाव दे सकेंगी।

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मीणा/शुक्‍ला/शौकत-1526
(Release ID 21327) 

Saturday, April 20, 2013

ch. rakesh tikait address a press con. patna



कृषि में विश्व रेकर्ड बनाने वाले खा रहे दर बदर की ठोकरे:टिकैत


541374_583620931655687_1216419067_nबिहार ऑब्जर्वर: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता सह महासचिव एवं राष्ट्रीय किसान नेता चौधरी राकेश सिंह टिकैत ने आज पत्रकार वार्ता में कहा कि आज बिहार के किसान विश्व के सर्वोत्तम किसान हैं, कमी है उनके द्वारा उत्पादित फसलों के लाभकारी मूल्य की एवं उनके उत्पादों के बाजार की.
आज बिहार में नीतीश कुमार, सुमंत कुमार एवं राकेश कुमार जैसे किसान हैं जिन्होंने विश्व कीर्तिमान स्थापित किये हैं. उन्हें उचित प्रश्रय की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि कोई खिलाड़ी जीत कर क्रिकेट एवं अन्य खेलों में आता है तो उसे कितने सम्मान दिए जाते हैं, परन्तु आश्चर्य का विषय है कि केंद्र सरकार और बिहार सरकार ने इन किसानों को अभी तक उचित रूप से सम्मानित नहीं किया है. अतः इन किसानों को भारतीय किसान यूनियन द्वारा “चौधरी मेहन्द्र सिंह टिकैत रत्न” से सम्मानित किया जायेगा।राकेश टिकैत, जो दो दिनों से अररिया जिले के भार्गौना प्रखंड के महथवा गाँव के अग्निपीड़ितों की दयनीय स्थिति देख कर आए हैं, ने कहा कि वहां सरकार अपना पलरा झार रही है और ग्रामीणों को मदद के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. वहां अविलम्ब मदद और आपदा सहायता की जरूरत है. वहां के किसानों के ट्रैक्टर तक जल गये हैं और रहने खाने के साधन भी मौजूद नहीं है. अतः सरकार से हम अनुरोध करते हैं कि अविलम्ब हर तरह की सहायता मुहैया कराया जाये. किसानों की हालत वहां बहुत हीं दयनीय है।टिकैत ने किसानों के सम्बन्ध में कहा कि बिहार में इतनी उपजाऊ जमीन है, किसान मेहनती हैं फिर उनके उत्पादों का लाभकारी मूल्य क्यों नहीं मिलता.
आज बिहार में जरूरत है किसान आय आयोग की और यहाँ के किसानों के आय की सुरक्षा की.।उन्होंने उदाहरण के रूप में कहा कि विश्व कीर्तिमान बनाने वाला नीतीश कुमार का आलू आज बाजार नहीं होने के कारण खराब हो रहा है. बिहार के किसानों को उचित मूल्य मिले एवं उनके आय की सुरक्षा हो।टिकैत ने कहा कि नीतीश कुमार की सरकार किसानों को जरूर देख रही है परन्तु इस् हरित क्रांति के दौर में किसानों को स्वावलंबी बनाने की मुहीम चलाने की जरूरत है।किसान स्वराज गठबन्धन के राष्ट्रीय सह संयोजक पंकज भूषण ने कहा की बिहार सरकार ने जैव परिवर्धित बीजों को रोक कर एक मिसाल खड़ा किया है लेकिन इस् हरित क्रांति के दौर में दुखदाई है कि सरकार कंपनियों के हाईब्रिड बीजों को प्रोत्साहित करने में लगी है. जबकि किसानों के अपने बीजों का यदि प्रोत्साहन हो तो किसानों का लागत मूल्य कम होगा तथा वे स्वावलंबी भी हो पाएंगे।श्री भूषण ने कहा कि किसान स्वराज गठबन्धन द्वारा बिहार बीज उत्सव मनाया गया था, उसमें कई किसानों ने देसी बीजों की प्रदर्शनी लगायी. उन बीजों को जिन किसानों ने अपने खेतों में लगाया आज वे काफी खुशहाल हैं. उन्ही किसानों में नालंदा जिले के दर्वेशपुरा ग्राम के धान उत्पादन में विश्व कीर्तिमान स्थापित करने वाले सुमंत कुमार ने जब सरकार द्वारा वितरित गेहूं का बीज लगाया और साथ में जय प्रकाश सिंह किसान द्वारा तैयार किया गया देसी बीज लगाया तब फसल के उत्पादन में जमीन आसमान का अंतर पाया गया है.

किसानों को स्वावलंबी बनाने की जरूरत: चौधरी राकेश सिंह टिकैत


किसानों को स्वावलंबी बनाने की जरूरत: चौधरी राकेश सिंह टिकैत

Bablu Kr. Prakash,
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता सहमहासचिव एवं राष्ट्रीय किसान नेता चौधरी राकेश सिंह टिकैत ने आज पत्रकार वार्ता में कहा कि आज बिहार के किसान विश्व के सर्वोत्तम किसान हैंकमी है उनके द्वारा उत्पादित फसलों के लाभकारी मूल्य की एवं उनके उत्पादों के बाजार की. आज बिहार में नीतीश कुमारसुमंत कुमार एवं राकेश कुमार जैसे किसान हैं जिन्होंने विश्व कीर्तिमान स्थापित किये हैं. उन्हें उचित प्रश्रय की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि कोई खिलाड़ी जीत कर क्रिकेट एवं अन्य खेलों में आता है तो उसे कितने सम्मान दिए जाते हैंपरन्तु आश्चर्य का विषय है कि केंद्र सरकार और बिहार सरकार ने इन किसानों को अभी तक उचित रूप से सम्मानित नहीं किया है. अतः इन किसानों को भारतीय किसान यूनियन द्वारा चौधरी मेहन्द्र सिंह टिकैत रत्न” से सम्मानित किया जायेगा.
राकेश टिकैतजो दो दिनों से अररिया जिले के भार्गौना प्रखंड के महथवा गाँव के अग्निपीड़ितों की दयनीय स्थिति देख कर आए हैंने कहा कि वहां सरकार अपना पलरा झाड़ रही है और ग्रामीणों को मदद के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. वहां अविलम्ब मदद और आपदा सहायता की जरूरत है. वहां के किसानों के ट्रैक्टर तक जल गये हैं और रहने खाने के साधन भी मौजूद नहीं है. अतः सरकार से हम अनुरोध करते हैं कि अविलम्ब हर तरह की सहायता मुहैया कराया जाये.किसानों की हालत वहां बहुत हीं दयनीय है.
टिकैत ने किसानों के सम्बन्ध में कहा कि बिहार में इतनी उपजाऊ जमीन हैकिसान मेहनती हैं फिर उनके उत्पादों का लाभकारी मूल्य क्यों नहीं मिलता. आज बिहार में जरूरत है किसान आय आयोग की और यहाँ के किसानों के आय की सुरक्षा की.
उन्होंने उदाहरण के रूप में कहा कि विश्व कीर्तिमान बनाने वाला नीतीश कुमार का आलू आज बाजार नहीं होने के कारण खराब हो रहा है. बिहार के किसानों को उचित मूल्य मिले एवं उनके आय की सुरक्षा हो.
टिकैत ने कहा कि नीतीश कुमार की सरकार किसानों को जरूर देख रही है परन्तु इस हरित क्रांति के दौर में किसानों को स्वावलंबी बनाने की मुहीम चलाने की जरूरत है.
किसान स्वराज गठबन्धन के राष्ट्रीय सह संयोजक पंकज भूषण ने कहा की बिहार सरकार ने जैव परिवर्धित बीजों को रोक कर एक मिसाल खड़ा किया है लेकिन इस् हरित क्रांति के दौर में दुखदाई है कि सरकार कंपनियों के हाईब्रिड बीजों को प्रोत्साहित करने में लगी है. जबकि किसानों के अपने बीजों का यदि प्रोत्साहन हो तो किसानों का लागत मूल्य कम होगा तथा वे स्वावलंबी भी होपाएंगे.
श्री भूषण ने कहा कि किसान स्वराज गठबन्धन द्वारा बिहार बीज उत्सव मनाया गया थाउसमें कई किसानों ने देसी बीजों की प्रदर्शनी लगायी. उन बीजों को जिन किसानों ने अपने खेतों में लगाया आज वे काफी खुशहाल हैं. उन्ही किसानों में नालंदा जिले के दर्वेशपुरा ग्राम के धान उत्पादन में विश्व कीर्तिमान स्थापित करने वाले सुमंत कुमार ने जब सरकार द्वारा वितरित गेहूं का बीज लगाया और साथ में जय प्रकाश सिंह किसान द्वारा तैयार किया गया देसी बीज लगाया तब फसल के उत्पादन में जमीन आसमान का अंतर पाया गया है. सुमंत कुमार ने तो अब हाईब्रिड बीजों से तौबा कर लिया है.
भूषण ने कहा कि किसान स्वराज गठबन्धन के किसान एवं प्रतिनिधि व्यापक पैमाने पर उन्नत किस्म के परंपरागत बीजों को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं साथ हीं कई प्रखंडों में बीज बैंक की स्थापना करवा रहे हैंयदि राज्य सरकार को जरूरत महसूस हुई तब हम उनके साथ मिल कर काम करने का संकल्प ले रहे हैं. लेकिन राज्य सरकार तो कंपनियों को बढ़ावा देने में लग गयी है.
जी एम मुक्त अभियान के समन्वयक बबलू कुमार ने कहा कि आज राज्य में जैविक कृषि नीति की जरूरत है. चौरा पंचायत के मुखिया एवं किसान शिव प्रताप सिंह ने किसानों के उत्पादन के लाभकारी मूल्य निर्धारित करने की बात कही.

Friday, April 19, 2013

भारतीय किसान यूनियन से 8 अप्रैल को गन्ना आयुक्त द्वारा किया गया वायदा हुआ पूरा ,गन्ना किसानो को परदेश में हुआ 1400 करोड़ का भुगतान ।

भारतीय किसान यूनियन से  8 अप्रैल को गन्ना आयुक्त द्वारा किया गया वायदा हुआ पूरा ,गन्ना किसानो को परदेश में हुआ 1400 करोड़ का भुगतान । भाकियू


भारतीय किसान यूनियन के आन्दोलन से सर्कार पर दबाव को देखते हुए निजी छेत्र की   चीनी मिलो द्वारा किसानो के भुगतान में तेजी लायी गयी है,सरकार द्वारा भी मिलो पर दबाव बनाया जा रहा हैं ....गन्ना विभाग द्वारा परदेश के 40 चीनी मोलो के विरुद्ध टैगिंग की कार्यवाही किये जाने के साथ मेरठ के मवाना शुगर के पर्बन्ध निदेशक को भुगतान न करने के कारन जेल भेज दिया गया है तथा एक चीनी मिल के विरुद्ध आर सी  भी जरी की गयी है ......


परदेश सरकार द्वारा सख्ती का सन्देश देते हुए परदेश की सभी चीनी मिलो को ब्याज सहित किसानो का भुगतान करने के नोटिस जरी किये है ...भारतीय किसान यूनियन ने गन्ना आयुक्त को पत्र भेजकर उनके वायदे की याद दिलाते हुए मई तक किसानो का ब्याज सहित भुगतान  करने की मांग की है | भाकियू ने कहा कि परदेश में अभी तक किसानो का केवल 70% भुगतान ही हो पाया है ,जबकि अधिकतर चीनी मिल बंद हो चुकी है | परदेश के दो ग्रुप मोदी ,श्रीराम द्वारा किसानो का केवल 50 % भुगतान किया गया है इनके विरुद्ध अभियोजन की कार्यवाही की जये…  भाकियू ने पत्र में कहा है कि अगर अगले माह तक किसानो का भुगतान नहीं मिलता है ,तो किसान आन्दोलन को मजबूर होगा ...
भारतीय किसान युनियन ने गन्ना आयुक्त से भुगतान न होने तक किसानो पर देय राशी पर रोक लगाने की मांग की है ....

Thursday, April 18, 2013

बिहार के किसान विश्व के सर्वोत्तम किसान: टिकैत



बिहार के किसान विश्व के सर्वोत्तम किसान: टिकैत
पटना, 18-04-2013. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता सह महासचिव एवं राष्ट्रीय किसान नेता चौधरी राकेश सिंह टिकैत ने आज पत्रकार वार्ता में कहा कि आज बिहार के किसान विश्व के सर्वोत्तम किसान हैं, कमी है उनके द्वारा उत्पादित फसलों के लाभकारी मूल्य की एवं उनके उत्पादों के बाजार की. आज बिहार में नीतीश कुमार, सुमंत कुमार एवं राकेश कुमार जैसे किसान हैं जिन्होंने विश्व कीर्तिमान स्थापित किये हैं. उन्हें उचित प्रश्रय की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि कोई खिलाड़ी जीत कर क्रिकेट एवं अन्य खेलों में आता है तो उसे कितने सम्मान दिए जाते हैं, परन्तु आश्चर्य का विषय है कि केंद्र सरकार और बिहार सरकार ने इन किसानों को अभी तक उचित रूप से सम्मानित नहीं किया है. अतः इनकिसानों को भारतीय किसान यूनियन द्वारा “चौधरी मेहन्द्र सिंह टिकैत रत्न” से सम्मानित किया जायेगा.


राकेश टिकैत, जो दो दिनों से अररिया जिले के भार्गौना प्रखंड के महथवा गाँव के अग्निपीड़ितों की दयनीय स्थिति देख कर आए हैं, ने कहा कि वहां सरकार अपना पलरा झार रही है और ग्रामीणों को मदद के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. वहां अविलम्ब मदद और आपदा सहायता की जरूरत है. वहां के किसानों के ट्रैक्टर तक जल गये हैं और रहने खाने के साधन भी मौजूद नहीं है. अतः सरकार से हम अनुरोध करते हैं कि अविलम्ब हर तरह की सहायता मुहैया कराया जाये. किसानों की हालत वहां बहुत हीं दयनीय है.

टिकैत ने किसानों के सम्बन्ध में कहा कि बिहार में इतनी उपजाऊ जमीन है, किसान मेहनती हैं फिर उनके उत्पादों का लाभकारी मूल्य क्यों नहीं मिलता. आज बिहार में जरूरत है किसान आय आयोग की और यहाँ के किसानों के आय की सुरक्षा की.

उन्होंने उदाहरण के रूप में कहा कि विश्व कीर्तिमान बनाने वाला नीतीश कुमार का आलू आज बाजार नहीं होने के कारण खराब हो रहा है. बिहार के किसानों को उचित मूल्य मिले एवं उनके आय की सुरक्षा हो.

टिकैत ने कहा कि नीतीश कुमार की सरकार किसानों को जरूर देख रही है परन्तु इस् हरित क्रांति के दौर में किसानों को स्वावलंबी बनाने की मुहीम चलाने की जरूरत है.

किसान स्वराज गठबन्धन के राष्ट्रीय सह संयोजक पंकज भूषण ने कहा की बिहार सरकार ने  जैव परिवर्धित बीजों को रोक कर एक मिसाल खड़ा किया है लेकिन इस् हरित क्रांति के दौर में दुखदाई है कि सरकार कंपनियों के हाईब्रिड बीजों को प्रोत्साहित करने में लगी है. जबकि किसानों के अपने बीजों का यदि प्रोत्साहन हो तो किसानों का लागत मूल्य कम होगा तथा वे स्वावलंबी भी हो पाएंगे.

श्री भूषण ने कहा कि किसान स्वराज गठबन्धन द्वारा बिहार बीज उत्सव मनाया गया था, उसमें कई किसानों ने देसी बीजों की प्रदर्शनी लगायी. उन बीजों को जिन किसानों ने अपने खेतों में लगाया आज वे काफी खुशहाल हैं. उन्ही किसानों में नालंदा जिले के दर्वेशपुरा ग्राम के धान उत्पादन में विश्व कीर्तिमान स्थापित करने वाले सुमंत कुमार ने जब सरकार द्वारा वितरित गेहूं का बीज लगाया और साथ में जय प्रकाश सिंह किसान द्वारा तैयार किया गया देसी बीज लगाया तब फसल के उत्पादन में जमीन आसमान का अंतर पाया गया है. सुमंत कुमार ने तो अब हाईब्रिड बीजों से तौबा कर लिया है.

भूषण ने कहा कि किसान स्वराज गठबन्धन के किसान एवं प्रतिनिधि व्यापक पैमाने पर उन्नत किस्म के परंपरागत बीजों को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं साथ हीं कई प्रखंडों में बीज बैंक की स्थापना करवा रहे हैं, यदि राज्य सरकार को जरूरत महसूस हुई तब हम उनके साथ मिल कर काम करने का संकल्प ले रहे हैं. लेकिन राज्य सरकार तो कंपनियों को बढ़ावा देने में लग गयी है.

जी एम मुक्त अभियान के समन्वयक बबलू कुमार ने कहा कि आज राज्य में जैविक कृषि नीति की जरूरत है. चौरा पंचायत के मुखिया एवं किसान शिव प्रताप सिंह ने किसानों के उत्पादन के लाभकारी मूल्य निर्धारित करने की बात कही.

पंकज भूषण-9472999999
बबलू कुमार - 9308305339

Monday, April 8, 2013

गन्ना किसानों का 1000 करोड़ का एक हफ्ते में भुगतान होगा, गन्ना आयुक्त ने दिया आश्वाशन .. भाकियू



गन्ना किसानों का 1000 करोड़ का एक हफ्ते में भुगतान होगागन्ना आयुक्त ने दिया आश्वाशन .. भाकियू

                आज दिनांक 08.04.2013 को भारतीय किसान यूनियन द्वारा गन्ना आयुक्त कार्यालय पर किसान पंचायत का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न जनपदों से आये किसानों एवं किसान प्रतिनिधियों ने अपने जनपद की समस्याओं से अवगत कराया। पंचायत का मुख्य मुद्दा उत्तर प्रदेष के गन्ना किसानों का लगभग 6000 करोड रूबकाया गन्ना मूल्य भुगतान रहा। पंचायत में षीतगृहों के मालिकों द्वारा मनमाने तरीके से किराये में वृद्धि करनेकिसानों के 50 हजार तक के ऋण माफ किये जानेकिसानों को निजी नलकूप के कनेक्सन दिये जाने, परदेश  में जिला स्तर पर किसान पंचायत आयोजित कराने तथा गेहूॅ के किसानों को 200 रूप्रति कुबोनस दिये जाने आदि से सम्बन्धित मांग पत्र गन्ना आयुक्त महोदय को दिया गया।
 गन्ना भवन लखनऊ में धरने पर चौ .राकेश टिकैत 

 भाकियू के मांग पत्र पर विचार करने के उपरान्त गन्ना आयुक्त महोदय द्वारा भाकियू के एक प्रतिनिधि मण्डल को वार्ता के लिए आमंत्रित किया गया। गन्ना आयुक्त कार्यालय में लगभग 2 घण्टे चली बैठक में निम्न बिन्दुओं पर सहमति व्यक्त की गयी जिसकी घोषणा  गन्ना आयुक्त0प्रद्वारा किसानों के बीच पंचायत स्थल पर पहुॅचकर की गयीः-
भाकियू के धरने को संबोधित करते गन्ना आयुक्त 
1-             एक सप्ताह में एक हजार करोड गन्ना मूल्य तथा षेश गन्ना मूल्य का नियमानुसार भुगतान कराने का प्रयास किया जायेगा।
2-            गन्ना मूल्य से बिना सहमति के विकास आदि के नाम पर किसी भी प्रकार की कटौती नहीं की जायेगी।
3-            टैगिंग आदेष का पुनर्मूल्यांकन किया जायेगा।
4-            टैंिगग आदेष में चीनी के अतिरिक्त अन्य सह-उत्पादों को सम्मिलित किये जाने हेतु षासन को प्रस्ताव भेजा जायेगा।
5-            चीनी मिल सरदारनगर पर अवषेश गन्ना मूल्य के भुगतान के सम्बन्ध में नियमानुसार यथा सम्भव जो भी कार्यवाही की जा सकेगीकी जायेगी। यथा आवष्यकता भारतीय किसान यूनियन के प्रदेष अध्यक्ष द्वारा नामित पदाधिकारियों के साथ 15 दिन पर बैठक की जायेगी।
6-            नई चीनी प्रोत्साहन नीति के अन्तर्गत जालौन/बुन्देलखण्ड  क्षेत्र में नई चीनी मिल लगवाने हेतु यथा सम्भव प्रयास किये जायेंगे।
                किसानों की दूसरी समस्याओं पर विचार किये जाने हेतु  कृषि  उत्पादन आयुक्त एवं प्रमुख सचिव कृषि  के दिल्ली होने के कारण वार्ता नहीं हो पायी। इस सम्बन्ध में तय किया गया कि किसानों से सम्बन्धित सभी विभागों के प्रमुख सचिव के साथ कृशि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में अगले सप्ताह बैठक आयोजित कर किसानों की समस्याओं का समाधान कराया जायेगा।गन्ना आयुक्त ने किसानो से धरने को समाप्त करने का आगर्ह करते हुए कहा की यह किसानो के काम का बहुत व्यस्त समय है । मै आपसे किये गए वादे को लागु करूगा ...
गन्ना आयुक्त के निवेदन को मानते हुए किसानो की तरफ से भाकियू के श्री राजेश चोहान ने धरना समाप्त किये जाने की घोषणा की । 


                प्रतिनिधि मण्डल में भारतीय किसान यूनियन के श्री राजेष सिंह चैहानदीवान चन्द्र चैधरीराजवीर सिंहधरमेन्द्र मलिकसतीष ओझाराजपाल षर्मादिनेष सिंहराजवीर सिंह जादौनरणजीत सिंहडानोसिंह आदि सम्मिलित रहे।
                किसान पंचायत को मुख्य रूप से चैधरी राकेष टिकैतराश्ट््रीय प्रवक्ता भाकियूबलराम नम्बरदारराजपाल षर्माहरिनाम सिंहदीवान चन्द्र चैधरीधर्मवीर सिंहदिनेष सिंहविनय सिंहचन्द्रपाल फैजी आदि ने सम्बोधित किया। किसान पंचायत में विभिन्न जनपदों के हजारों किसानों ने भाग लिया।
                                                                                                                                                                भवदीय,               

                                                                                                                                                   ( धर्मेन्द्र मलिक )
                                                                                                                                                     मीडिया प्रभारी,
                                                                                                                                                भारतीय किसान यूनियन।