Thursday, June 26, 2014

विषयः- भारत सरकार द्वारा घोषित 2014-15 के लिए खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य नाकाफी, किसानों की उत्पादन लागत घोषित समर्थन मूल्य से अधिक, किसानों को उत्पादन लागत में 50 प्रतिशत जोडकर लाभकारी मूल्य घोषित करें।


श्री नरेन्द्र मोदी जी
प्रधानमंत्री भारत सरकार 
साउथ ब्लाक नई दिल्ली।

विषयः- भारत सरकार द्वारा घोषित 2014-15 के लिए खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य नाकाफी, किसानों की उत्पादन लागत घोषित समर्थन मूल्य से अधिक, किसानों को उत्पादन लागत में 50 प्रतिशत जोडकर लाभकारी मूल्य घोषित करें।
मान्यवर,
देश के किसान को उसके श्रम का लाभ नहीं मिल पा रहा है। पिछले वर्षो में किसानों की उत्पादन लागत में बेहताशा वृद्धि हुई है, लेकिन भारत सरकार द्वारा किसानों का जो समर्थन मूल्य घोषित किया जाता है। वह किसानों के साथ भद्दा मजाक है। हाल में ही भारत सरकार द्वारा 2014-15 के लिए जो न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा की गयी है। वह उत्पादन लागत से भी कम है। ऐसी स्थिति में किसान के सामने सवाल है कि अगर खेती छोडे तो दूसरा धन्धा नहीं। खेती करे तो रास्ता सिर्फ आत्महत्या है?
देश में फसलों के मूल्य निर्धारण का कृषि लागत एवं मूल्य आयोग का जो फार्मूला है उसका दाम तय करने का आधार किसानों की उत्पादन लागत नहीं बल्कि मांग और आपूर्ति, आयात-निर्यात है। इस वर्ष धान के उत्पादन में लगभग 1800/- रुपये का खर्च है, लेकिन वृद्धि केवल 50/-रुपये की गयी है। जिस तरीके से महंगाई के नाम पर किसानों को उनकी फसलों का उचित एवं लाभकारी मूल्य नहीं दिया जा रहा है। इसी कारण किसानों का खेती से मोह भंग हो रहा है और किसान के ऊपर कर्ज का भार बढ़ता जा रहा है। समाचार पत्रों से संज्ञान में आया है कि जो प्रदेश किसानों की दयनीय स्थिति को देखते हुए किसानों को बोनस दे रहे है खाद्य मंत्रालय द्वारा पत्र भेजकर बोनस पर रोक लगाने के आदेश जारी किये है। जो राज्य सरकार के अधिकारों पर अतिक्रमण है।
आपने लोकसभा चुनाव के दौरान अपनी सभाओं में वादा किया था कि किसानों के अच्छे दिनों के लिए मेरी सरकार किसानों की फसलों के दाम उत्पादन लागत में 50 प्रतिशत जोडकर उचित एवं लाभकारी मूल्य देगी। जिसका जिक्र भारतीय जनता पार्टी के चुनाव घोषणा-पत्र 2014 के पेज नं0-16 में भी किया है।
भारतीय किसान यूनियन मांग करती है कि वादे के अनुसार किसानों को लागत मूल्य में 50 प्रतिशत जोडकर धान का मूल्य 2700/- रुपये प्रति कुन्तल व अन्य फसलों का मूल्य भी इसी आधार पर घोषित किया जाये एवं राज्यों में दिये जाने वाले बोनस पर जारी किया गया आदेश अविलम्ब वापिस लिया जाये।
भवदीय

चै0 नरेश टिकैत चै0 युद्धवीर सिंह
(अध्यक्ष भाकियू) (रा0 महासचिव भाकियू)