Friday, August 4, 2017

Ch. Naresh Tikait meet CM Yogi adityanath


भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ0 नरेश टिकैत जी के नेतृत्व में भाकियू के प्रतिनिधिमंडल ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के आवास 5 कालिदास मार्ग पर भेंट कर किसानों की समस्याओं पर चर्चा कर समाधान किये जाने की मांग करते हुए कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था से लेकर किसान समस्याओं पर संतोषजनक कार्य नहीं हो पा रहा है। गन्ना भुगतान एवं ब्याज, आलू की खरीद, धान खरीदने की शत-प्रतिशत व्यवस्था, जंगली जानवरों से हो रहे नुकसान, रंगराजन कमेटी आदि पर विस्तृत चर्चा की। किसानों की समस्याओं पर गौर करते हुए मुख्यमंत्री महोदय ने आश्वासन दिया कि किसानों की इच्छा के विरूद्ध प्रदेश में रंगराजन कमेटी की रिपोर्ट लागू नहीं होगी। किसानों से शत-प्रतिशत धान खरीद की जायेगी। जंगली जानवरों एवं पालतू पशुओं से किसानों की फसल की सुरक्षा हेतु आवश्यक इंतजाम एवं चारागाह की जमीन कब्जामुक्त कराकर पशुशालाओं का निर्माण कराया जाऐगा। किसानों की कर्जमाफी पर पुनर्विचार किये जाने का भी आश्वासन दिया गया। कोल्ड स्टोरेज सम्बन्धित किराया तय करने की धारा 29 को समाप्त करने एवं आलू का निर्यात पर परिवहन सब्सिडी व ग्रेडिंग खत्म करने का आश्वासन दिया। वार्ता में राजेश चौहान, दीवानचंद चौधरी, बलराम लम्बरदार, राजपाल शर्मा, राजवीर सिंह जादौन, केतकी सिंह, हरनाम सिंह वर्मा, धर्मेन्द्र मलिक मौजूद रहे।




ज्ञापन
माननीय,
श्री योगी आदित्यनाथ जी,
मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार,
लखनऊ।
आदरणीय श्री योगी जी
प्रदेश में भाकियू हमेशा किसानों के लिए संघर्ष करती रही है। प्रदेश की जनसंख्या का 65 प्रतिशत हिस्सा प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से कृषि से जुड़ा है। किसान के अत्यधिक परिश्रम के बाद भी उसको उसकी मेहनत के अनुसार लाभ नहीं मिल पाता। किसानों पर कर्ज का भार बढ़ता जा रहा है, एन0एस0एस0ओ0 की रिपोर्ट के अनुसार अगर कोई दूसरा धंधा मिले तो 50 प्रतिशत किसान खेती छोडने को तैयार है। प्रदेश के किसानों की समस्याओं की सूची लम्बी होती जा रही है।
प्रदेश का किसान मानसून की विफलता, सूखा, फसल उत्पादन में प्रयोग होने वाले उत्पादों की कीमतों में वृद्धि और फसलों के मूल्य में गिरावट, ऋण का अत्यधिक बोझ आदि परिस्थितियों के कारण संकट में है। आपकी सरकार ने 36,359 करोड़ रुपये का ऋण माफ कर किसानों को राहत दी है। भाकियू इसका स्वागत करती है। आज दिनांक 31.07.2017 झूलेलाल पार्क, लखनऊ में आयोजित किसान पंचायत के माध्यम से निम्न मांग करती है। किसानों की मुख्य मांगे निम्नलिखित है-
1. फसलों का लाभकारी मूल्य-डॉ0 स्वाममीनाथन रिपोर्ट को लागू किया जाये और किसानों को फसल लागत मूल्य से 60 प्रतिशत अधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का फॉर्मूला तुरंत लागू किया जाए। फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे की खरीद को अपराध माना जाये। सभी मुख्य फसलों, फलों, सब्जी व दूध को न्यूनतम समर्थन मूल्य के आधीन लाया जाए।
प्रदेश के आलू किसानों की पैदावार लागत 800 रूपये प्रति कुन्तल है। आलू का समर्थन मूल्य 1000 रूपये प्रति कुन्तल तय किये जाने एवं ग्रेडिंग समाप्त किये जाने की आवश्यकता है। धारा-29 को समाप्त करते हुए सरकार कोल्ड स्टोर का किराया तय करने का अधिकार अपने पास सुरक्षित करे। किसान हित में आलू का निर्यात कराया जाय।
धान खरीद हेतु समुचित क्रय केन्द्रों की स्थापना की जाय एवं प्रदेश के सभी किसानों शत-प्रतिशत धान खरीद की जाय।
2. गन्ना- प्रदेश के गन्ना किसानों का बकाया भुगतान अविलम्ब कराया जाए। पिछली सरकार गलत तरीके से तीन सत्रों का गन्ना भुगतान पर मिलने वाला ब्याज गलत तरीके से माफ कर दिया गया था। सरकार के आदेश को उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा निरस्त कर दिया गया है। किसानों को ब्याज का भुगतान कराया जाए।
प्रदेश सरकार के पास केवल गन्ने की फसल मूल्य तय करने का अधिकार है सरकार को यह समाप्त नहीं करना चाहिए। प्रदेश में रंगराजन कमेटी की सिफारिश को लागू नहीं किया जाय।
3. ऋण- प्रदेश सरकार द्वारा की गई ऋण माफी का भारतीय किसान यूनियन स्वागत करती है। सरकार द्वारा जो ऋण माफी की गई है वह पर्याप्त नहीं है। भाजपा की चुनावी घोषणा के अनुसार सभी किसानों का पूर्णतः घोषणा की तारीख तक का कर्ज माफ किया जाय। फसली ऋण ही नहीं सभी तरह के कृषि ऋण शामिल किये जायें।
खरीफ का ऋण वितरण 1 अप्रैल से 31 अगस्त तक और रबी का ऋण 1 सितम्बर से 31 मार्च तक होता है। किसान को खरीफ व रबी फसली ऋण एक साथ दिया जाए। फसली श्रण का एक चौथाई हिस्सा कृषि आदान के रूप में क्रय करने की अनिवार्यता समाप्त की जाए।
4. बिजली- डार्क जोन में किसानों को निजी नलकूपों के ऊर्जीकरण पर गलत तरीके से लगाये गये प्रतिबन्ध को समाप्त करते हुए किसानों को निजी नलकूप के कनेक्शन जारी किया जाए। किसानों के नलकूप से पूरे प्रदेश में 5 हॉर्स पावर का बिल लिया जाय। सामान्य योजना में किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी बढ़ाई जाय। किसानों की लाइन 300 से घटाकर 190 मीटर किये जाने के आदेश को समाप्त किया जाय।
5. भूमि अधिग्रहण- प्रदेश के विभिन्न जनपदों जैसे-कानपुर जनपद की घाटमपुर तहसील के गांव लौहरीमऊ सहित 8 गांव की जमीन नवेली पावर प्लांट हेतु अधिग्रहण की गयी है। जनपद अम्बेड़करनगर के बुद्ध परिपथ, जनपद कानपुर के बिल्लौर क्षेत्र में लखनऊ एक्सप्रेस-वे, कानपुर में रेलवे फ्रंट कॉरिडोर, मेरठ में मेरठ विकास प्राधिकरण, मुजफ्फरनगर-सहारनपुर में रेलवे फ्रंट कॉरिडोर के भूमि अर्जन में किसान लम्बे समय से आंदोलनरत् है। ललितपुर पावर प्लान्ट सहित सभी सम्बन्धित जनपदों के जिलाधिकारी को निर्देशित कर किसानों के साथ वार्ता कर विवादों का समाधान कराया जाए। सभी विवादित अधिग्रहण पर वर्तमान कानून के आधार पर 04 गुना मुआवजा दिलाया जाय।
6. सिंचाई- प्रदेश में नई नहरों के निर्माण एवं चौगामा नहर परियोजना व बुंदेलखण्ड पंचनदा बांध परियोजना को अविलम्ब पूरा किया जाए।
नहरों के पानी टेल तक पहुंचाने व टेल के किसानों के सम्पर्क नम्बर रखने व उस पर सम्पर्क कर कृषकों से यह सुनिश्चित करने की टेल तक पानी पहुंच रहा है, की कारगर व्यवस्था की जाए एवं प्रदेश के नहरों व बाँधों में जमा सिल्ट को साफ कराया जाय।
7. कृषि वार्निकी- कृषि वार्निकी के अन्तर्गत किसानों द्वारा पॉपलर, सागौन, यू० के० लिप्टिस की खेती की जा रही हैं। किसानों का उत्पीड़न मण्ड़ी समिति व वन विभाग द्वारा किया जा रहा हैं। कृषि वार्निकी के अन्तर्गत आने वाले सभी वृक्षों पर सभी जनपदों में कटाई एवं ढुलाई पर लगाये गये प्रतिबन्ध को समाप्त करते हुए मण्ड़ी शुल्क भी समाप्त किया जायें। मेंथा की खेती किसानों की नकदी फसल है। मेंथा को फसल का दर्जा देते हुए मण्ड़ी शुल्क समाप्त किया जायें।
8. बुंदेलखण्ड-पिछले 10 वर्षो से बुन्देलखण्ड के किसान सूखा व असमय बारिश की मार झेल रहे है, जिससे किसानों पर कर्ज का बडा भार हो गया है। आये दिन बुन्देलखण्ड में किसानों द्वारा आत्महत्या की जा रही है। बुंदेलखंड के किसानों का पलायन रोकने एवम आजीविका के संकट के समाधान हेतु एक संयुक्त समिति का गठन किया जाए। बुन्देलखण्ड़ के किसानों के सभी कर्ज माफ किये जायें।
9. प्रदेश में आवारा पशुओं जैसे नीलगाय, जंगली सुअर आदि के द्वारा किसानों की फसलों को नष्ट किया जा रहा है। सरकार द्वारा इसकी रोकथाम हेतु आवश्यक कार्यवाही की जाये। बुंदेलखण्ड में अन्ना प्रथा पर कानूनी प्रतिबंध लगाया जाए।
10. मुकदमें- आन्दोलन के दौरान किसानों पर सभी मुकदमे वापस लिये जाये। जनपद कुशीनगर एवं फैजाबाद,कानपुर, हमीरपुर में किसानों पर लगाये गये झूठे मुकदमे समाप्त किये जाएं। जेल में बंद किसानों को रिहा किया जाए।
11. किसान आय आयोग का गठन करते हुए किसानों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए।
12. प्रदेश में समान शिक्षा सामान्य पाठ्यक्रम लागू करके एक तरह की शिक्षा व्यवस्था लागू किया जाय। प्रदेश में सभी को समान चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जाय।
13. प्रदेश के पात्र व्यक्तियों के राशन कार्ड नहीं बन पा रहे हैं इसकी जांच कराकर राशन कार्ड उपलब्ध कराये जायें।
14. प्रदेश में किसानों को पेंशन दी जाय और सभी तरह की पेंशन जैसे विधवा, वृद्धा के बहुत सारे पात्र बजट न होने के कारण इस सुविधा से वंचित रह जाते हैं। इसमें बजट बढ़ाया जाय।

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